‘देवनागरी लिपि तब से अब तक’ पुस्तक का लोकार्पण

भारत की प्रतिष्ठित संस्था राष्ट्रीय शिक्षक संचेतना द्वारा राष्ट्रीय वेब संगोष्ठी का आयोजन किया गया। यह संगोष्ठी विश्व लिपि देवनागरी : तब से अब तक पर विषय पर हुई। मुख्य अतिथि नागरी लिपि परिषद नई दिल्ली के महामंत्री डॉ. हरिसिंह पाल एवं मुख्य वक्ता समालोचक एवं विक्रम विश्वविद्यालय के हिंदी विभागाध्यक्ष प्रो. शैलेंद्र कुमार शर्मा थे। अध्यक्षता साहित्यकार हरेराम वाजपेयी ने की। विशिष्ट अतिथि संस्था अध्यक्ष ब्रजकिशोर शर्मा उज्जैन और साहित्यकार, सुवर्णा जाधव मुंबई थीं। इस अवसर पर संस्था के महासचिव डॉ. प्रभु चौधरी की नवीन पुस्तक देवनागरी लिपि : तब से अब तक का लोकार्पण अतिथियों द्वारा किया गया। मुख्य वक्ता के रूप में प्रो. शर्मा ने अपने व्याख्यान में कहा कि सिंधु घाटी की लिपि से लेकर ब्राह्मी लिपि और देवनागरी लिपि विश्व सभ्यता को भारत की महत्वपूर्ण देन है। इस अवसर पर डॉ. चौधरी को राष्ट्रीय हिंदी परिवार इंदौर द्वारा अभिनंदन पत्र देकर सम्मानित किया गया है।

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